How to Mark Track ?

ट्रैक (track) से संबंधित प्रत्येक माप एथलेटिक्स एसोसिएशन (IAAF) द्वारा तय किया जाता है। सभी राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और ओलंपिक प्रतियोगिताएं इसी ट्रैक पर आयोजित की जाती हैं। ट्रैक और फील्ड का आकार अंडाकार होता है यानी एक ट्रैक होता है और ट्रैक क्षेत्र के अंदरूनी हिस्से को फील्ड कहा जाता है। ट्रैक की माप 400 मीटर है।

ट्रैक (track) बनाने के लिए आवशयक सामग्री

  • मापक टेप (100 मीटर)
  • कीलें (बड़ी कीलें = 15-20)
  • चूना पावडर
  • हथौड़ी
  • इस्पात की तार
  • धागा

ट्रैक की त्रिज्या कैसे निकालें ?

ट्रैक बनाने के लिए हमें त्रिज्या और ट्रैक की लम्बाई ज्ञात होनी चाहिए। जैसा की हम जानते है ट्रैक अंडाकार होती है और यह दो अर्धवृत्ताकार वक्र से मिलकर बना होता है, इस वक्र को खींचने के लिए हमें इसकी त्रिज्या का ज्ञात होना बहुत जरुरी है। ट्रैक की लम्बाई अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक एसोसिएशन (IAAF) द्वारा तय किया गया है जिसकी माप – 84.39 मीटर होती है। जैसा की हमें पता है कि ट्रैक (धावन पथ) 400 मीटर का होता है।अतः धावक को 400 मीटर ही दौड़ना होता है 400 मीटर से अधिक नहीं। इसलिए हमें धावन त्रिज्या के साथ साथ चिन्हित त्रिज्या का माप भी ज्ञात करना है। ट्रैक बनाने के लिए चिन्हित त्रिज्या का माप ज्ञात करना आवशयक है।

जैसा की हम सभी जानते हैं-

2C + 2S= 400

2C + 2X84.39 =400

2C + 168.78 = 400

2C = 400 – 168.78

2C = 231.22

C = 231.22/2

C = 115.61 {जैसा हमें ज्ञात है, C= πR}

πR = 115.61

R = 115.61/π

π (पाई) का मान = 22/7

π = 22/7

R = 115.61X7/22

R = 809.27/22

R = 36.78 (RUNNING RADIUS)

MARKING RADIUS= RUNNING RADIUS-0.10 CM

MR = 36.78 – 0.10

MR = 36.68

ट्रैक दो प्रकार के बनाये जाये हैं सीमा युक्त अर्थात कठोर सीमा वाले ट्रैक, और बिना सीमा वाले अर्थात चूने वाली सीमा रेखा की ट्रैक। यदि कठोर सीमा रेखा वाले ट्रैक का अंकन करना होगा तो धावन त्रिज्या (RUNNING RADIUS) से 20 सेंटीमीटर घटा देंगे तत्पश्चात हमें अंकन त्रिज्या (MARKING RADIUS) ज्ञात हो जायेगा। और यदि चूने वाली ट्रैक का अंकन करना हो तो धवन त्रिज्या (RUNNING RADIUS) से 10 सेंटीमीटर घटा देंगे तब हमें अंकन त्रिज्या (MARKING RADIUS) ज्ञात हो जायेगा।

ट्रैक की दिशा हमेशा उत्तर और दक्षिण दिशा में होनी चाहिए। जैसा की हमें ज्ञात है ट्रैक में 8 लेन (धावन पथ) होते हैं जिसमे धावक दौड़ता है।

ट्रैक के लेन की चौड़ाई 1.22 मीटर होती है। लेन के पट्टी की चौड़ाई का माप 5 सेंटीमीटर होती है। ट्रैक बनाने के लिए हमें क्षेत्र का ज्ञात होना आवशयक है। इसे ज्ञात करने के लिए हमें निम्न तरीके से पूरे मैदान की लम्बाई और चौड़ाई को ज्ञात करेंगे।

लम्बाई ज्ञात करने के लिए सूत्र-

= S+(2XR)+(16X1.22)+10

= 84.39+(2X36.68)+(16X1.22)+10

= 84.39+73.36+19.52+10

लम्बाई=187.27 मीटर

चौड़ाई ज्ञात करने के लिए सूत्र-

=(2XR)+(16X1.22)+10

=(2X36.68)+(16X1.22)+10

=73.36+19.52+10

चौड़ाई=102.88 मीटर

S= सीधाई (STRAIT)

R= त्रिज्या (RADIUS)

चूकि ट्रैक में 8 लेन होते हैं और प्रत्येक धावक को दौड़ने के लिए 400 मीटर की दूरी तय करनी है अतः प्रत्येक लेन में STAGGER देना अनिवार्य है जिससे प्रत्येक लेन का स्पर्धा के दौरान धावक समान दूरी तय करे। ट्रैक में प्रत्येक स्पर्धा के लिए स्पर्धा प्रारम्भ रेखा (STARTING LINE) का अंकन (MARKING) करना अनिवार्य है।

STAGGER ज्ञात करने का सूत्र-

W X (N-1) – 0.10X2π

W= लेन की चौड़ाई (WIDTH OF LANE)

N= लेन की संख्या (LANE NUMBER)

जिस लेन की STAGGER निकालनी है N के स्थान पर उस लेन की संख्या रखेंगे।

जैसा की हमें पता है ट्रैक कई प्रकार के होते हैं जिनमें मुख्यतः घास वाली ट्रैक, सेन्डर ट्रैक, क्ले ट्रैक, सिंथेटिक ट्रैक आदि। जिनमे से घास वाली ट्रैक बिना कठोर सीमा रेखा वाली होती है। किन्तु सेन्डर ट्रैक, क्ले ट्रैक और सिंथेटिक ट्रैक कठोर सीमा रेखा वाली ट्रैक होती है। ट्रैक बनाने के उपरांत उसके चारो तरफ दर्शकों के बैठने हेतु बैठक दीर्घा बनाने की जरुरत होती है।

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